ईपीएफ - कर्मचारी भविष्य निधि

कर्मचारी भविष्य निधि तथा विविध अधिनियम, 1952 के अंतर्गत ईपीएफ एक मुख्य स्कीम है। स्कीम का संचालन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा किया जाता है।  

20 या अधिक कर्मचारियों वाले प्रत्येक एस्टेबलिशमेंट को कवर किया जाता है, तथा कुछ खास सीमाओं और छूट के साथ 20 से कम कर्मचारियों को काम पर रखने वाले कुछ संगठनों को भी कवर किया जाता है।  

कर्मचारी और एम्प्लायर दोनो ईपीएफ में कर्मचारी की बेसिक सेलरी और मंहगाई भत्ते का 12% अंशदान करते हैं। कर्मचारी के रिटायर होने के बाद, उन्हें एक मुश्त राशि दी जाती है जिसमें उनका खुद का और नियोक्ता दोनो का अंशदान शामिल होता है तथा दोनो अंशदानों पर ब्याज भी दिया जाता है। वर्तमान में, ईपीएफ डिपाजिट पर ब्याज 8.15% हैं।  

ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन)  

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) एक गैर-संवैधानिक संस्था है जो कर्मचारियों को भविष्य के लिए फंड्स बचाने के लिए प्रोत्साहित करती है। संगठन को श्रम और रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है और इसकी स्थापना 1951 में की गई थी।  

संगठन द्वारा ऑफर की जाने वाली स्कीम में भारतीय कामगारों और अंतर्राष्ट्रीय कामगारों (ऐसे देश जिनके साथ ईपीएफओ ने बाईलेट्रल समझौते किए हैं) को कवर किया जाता है।  

ईपीएफओ के उद्देश्य  

ईपीएफओ के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:  

  1. तय करना कि हर कर्मचारी का केवल एक ही ईपीएफ अकाउंट होता है।  
  2. कम्प्लायंस को आसान बनाया जाना चाहिए।  
  3. यह तय करना की ईपीएफओ द्वारा बनाए गए नियमों और रेगुलेशंस का संगठनों द्वारा रेग्यूलर तौर पर पालन किया जाता है।  
  4. तय करना कि ऑनलाइन सेवाएं विश्वनीय हैं और उनकी सुविधाओं में सुधार करना।  
  5. सभी सदस्य आसानी से अकाउंट को एक्सेस कर सकें।  
  1. क्लेम सेटलमेंट को 20 दिन से कम करके 3 दिन करना।  
  2. वाल्यूंटरी कम्प्लायंस को बढ़ावा तथा प्रोत्साहन देना।  

यूनिवर्सल अकांट नम्बर (यूआईएन)  

ईपीएफ के सभी सब्स्क्राइबर अपने पीएफ अकाउंट को ऑनलाइन एक्सेसकर सकते हैं और विद्ड्रावल तथा ईपीएफ बैलेंस की जांच करने जैसे फंक्शन कर सकते हैं। यूनिवर्सल अकाउंट नम्बर (यूएएन) से ईपीएफओ मेम्बर पोर्टल पर लॉगिन करना आसान हो जाता है।  

यूएएन एक 12 अंकों की संख्या है जिसे ईपीएफओ द्वारा प्रत्येक सदस्य को आवंटित किया जाता है। कर्मचारी का यूएएन नम्बर उसके द्वारा जॉब को बदलने के बाद भी वही रहता है। जॉब बदलने की स्थिति में, मेम्बर आईडी बदल जाती है, और नई आईडी को यूएएन नम्बर से लिंक कर दिया जाता है। लेकिन, ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए सदस्य को अपने यूएएन नम्बर को एक्टिवेट ज़रूर करना होगा।  

आप अपने एम्प्लायर के ज़रिए यूएएन नम्बर प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो आप आसानी से अपनी मेम्बर आईडी से यूएएन पोर्टल (https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/) पर लॉगिन कर सकते हैं और यूएएन नम्बर खोज सकते हैं।  

ईपीएफ लाभ  

ईपीएफ स्कीम के लाभ नीचे दिए गये हैं:  

  1. इससे लंबे समय के लिए पैसे की बचत करने में सहायता मिलती है।  
  2. सिंगल, एक-मुश्त निवेश करने की जरूरत नहीं होती है। कर्मचारी के वेतन के हर महीने डिडक्शन की जाती है तथा लंबे समय के दौरान इससे एक बड़ी राशि की बचत करने में मदद मिलती है।  
  3. इससे इमरजेंसी में कर्मचारी की फाईनेंस के नजरिए से सहायता हो सकती है।  
  4. इससे रिटायरमेंट के लिए पैसा बचाने में मदद मिलती है और व्यक्ति को अच्छी जीवनशैली बनाए रखने में सहायता मिलती है।  

ईपीएफओ के अंतर्गत ऑफर की जाने वाली स्कीम  

ईपीएफओ के तहत मौजूद विभिन्न स्कीमों की जानकारी नीचे दी गई है: 

  1. कर्मचारी भविष्य निधि स्कीम, 1952 (ईपीएफ) 
  2. कर्मचारी पेंशन स्कीम, 1995 (ईपीएस) 
  1. कर्मचारी डिपाजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम, 1976 (ईडीएलआई) 

EPFO Services ईपीएफओ सेवाएं  

ईपीएफओ द्वारा ऑफर की जाने वाली कुछ सेवाओं को नीचे बताया गया है:  

  1. इनऑप्रेटिव अकाउंट के लिए हेल्पडेस्क- फरवरी, 2015 में, ईपीएफओ  ने इनऑप्रेटिव अकाउंट ऑनलाइन हेल्पडेस्क की स्थापना की थी ताकि कर्मचारी डॉरमेंट तथा पुराने इनऑप्रेटिव अकाउंट, जिन पर कोई ब्याज नहीं मिलता है, को ट्रैक कर सकें। कर्मचारी इन अकाउंट को ट्रैक कर सकते हैं, और या तो फंड विदड्रा कर सकते हैं अथवा करंट मौजूदा मेम्बर आईडी में ट्रांसफर कर सकते हैं। कर्मचारी द्वारा इनऑप्रेटिव अकाउंट को ट्रैक करने के लिए अपने पिछले एम्प्लायमेंट का ब्यौरा ज़रूर प्रदान करना चाहिए।  
  1. ईपीएफ का ऑनलाइन विद्ड्रावल- यूएनएन नम्बर की सहायता से ईपीएफ राशि को आसानी से विदड्रा किया जा सकता है। ऐसे कर्मचारी जो 2 महीने से अधिक समय से बेरोजगार हैं, वे अपनी ईपीएफ राशि को विदड्रा कर सकते हैं। लेकिन, कर्मचारी का आधार और बैंक ब्यौरा यूएएन के साथ लिंक्ड होना चाहिए।  
  2. अंतर्राष्ट्रीय वर्कर सर्टिफिकेट ऑफ कवरेज जेनरेट कर सकते हैं- ईपीएफ सदस्य जो उन देशों में काम कर रहे हैं जिनका भारत के साथ सोशल सिक्यूरिटी एग्रीमेंट है, वे ऑनलाइन सेंट्रलाइज्ड सॉफ्टवेयर की सहायता से सर्टिफिकेट ऑफ कवरेज (सीओसी) जेनरेट कर सकते हैं, जिसे ईपीएफओ ने लांच किया है।  
  3. ईपीएफ का ऑनलाइन विदड्रावल- यूएएन की सहायता से ईपीएफ राशि का आसानी से विदड्रावल किया जा सकता है। ऐसे कर्मचारी जो 2 महीने से अधिक समय से बेरोजगार हैं, वे ईपीएफ राशि को विदड्रा कर सकते हैं। लेकिन, कर्मचारी का आधार और बैंक ब्यौरा यूएएन के साथ अवश्य ही लिंक होना चाहिए।  
  4. अंतर्राष्ट्रीय वर्कर सर्टिफिकेट ऑफ कवरेज जेनरेट कर सकते हैं- ईपीएफ मेम्बर जो ऐसे देश में काम कर रहे हैं जिनका भारत के साथ सोशल सिक्यूरिटी समझौता है, वे ईपीएफओ द्वारा लांच किए गए ऑनलाइन सेंट्रलाइज़्ड सॉफ्टवेयर की सहायता से सर्टिफिकेट ऑफ कवरेज (सीओसी) को जेनरेट कर सकते हैं।  
  5. छूट प्राप्त एस्टेबलिशमेंट्स के लिए मासिक रिटर्न- ईपीएफओ द्वारा लांच किए गए आईटी टूल की सहायता से, छूट प्राप्त एस्टेबलिशमेंट्स बिना किसी परेशानी के अपनी मासिक रिटर्न फाइल कर सकते हैं।  
  1. उमंग ऐप- ईपीएफओ ने ईपीएफ मेम्बर्स के लिए न्यू एज गवर्नेंस के लिए यूनिफाइड मोबाइल एप्लिकेशन  लांच किया है। उमंग ऐप की सेवाओं का लाभ उठाने के लिए कर्मचारी अपने यूएएन तथा पासवर्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। ईपीएफ पासबुक को देखना, प्रोफाइल ब्यौरा अपडेट करना आदि जैसी विभिन्न सेवाएं उमंग ऐप पर उपलब्ध हैं।  
  2. ईपीएफ का ऑनलाइन ट्रांसफर- ईपीएफ राशि को कर्मचारी की पिछली आईडी से यूएएन की सहायता से ऑनलाइन मौजूदा आईडी में ट्रांसफर किया जा सकता है। इस प्रक्रिया को बिना किसी दिक्कत या परेशानी के, पेपरलेस तथा सरल तरीके से किया जा सकता है।  
  3. एस्टेबलिशमेंट ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं- ईपीएफओ पोर्टल पर एस्टेबलिशमेंट का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन (ओएलआरई) पोर्टल पर पूरा किया जा सकता है। पीएफ कोड आवंटन पत्र की ऑनलाइन मौजूदगी के कारण भी कर्मचारी लाभान्वित हुए हैं।  
  4. पीएफ का ऑनलाइन भुगतान- सभी संगठनों के लिए पीएफ की ऑनलाइन पेमेंट करना आवश्यक है। वर्तमान में कोटक महिन्द्रा बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ बड़ोदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, इंडियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), तथा भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ऐसे 10 बैंक हैं जिनका देय राशि को एकत्र करने के लिए ईपीएफओ के साथ समझौता हुआ है।  
  5. मिस्ड काल और एसएमएस सेवा- ऐसे सदस्य जिन्होंने अपने यूएएन को एक्टिवेट कर लिया है, वे 7738299899 पर एसएमएस (फॉर्मेट: EPFOHO UAN) भेज कर या 011-22901406 पर मिस कॉल करके अपने पीएफ बैलेंस, पिछले अंशदान और केवाईसी के स्टेट्स आदि को देख सकते हैं। एम्प्लायर को भी ईपीएफ का भुगतान न करने पर एसएमएस प्राप्त होता है।  
  1. क्लेम स्टेटस और पासबुक- ईपीएफओ सदस्य अपने क्लेम की स्थिति की जांच कर सकेंगे और साथ ही यूएनएन की सहायता से ईपीएफ पासबुक को डाउनलोड कर सकेंगे।  
  2. शिकायतें- पेंशन के सेटलमेंट, पीएफ के ट्रांसफर, पीएफ के विदड्रावल आदि के संबंध में समस्याओं की स्थिति में, सदस्य ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं। ईपीएफओ के लिए शिकायत समाधान को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है, तथा उन पर शीघ्रता से कार्रवाई की जाती है। 80% शिकायतों का समाधान 7 दिनों में कर दिया जाता है तथा 97% का समाधान 15 दिनों के भीतर कर दिया जाता है। ईपीएफ शिकायतों की लगातार निगरानी के कारण, दिन में प्राप्त होने वाली शिकायतों की संख्या 20,000 से कम होकर 2000-3000 प्रतिदिन हो गई है।  

पीएफ अंशदान  

एम्प्लायर का अंशदान निम्नलिखित श्रेणियों में बांटा जाता है:  

श्रेणी 

अंशदान का प्रतिशत (%) 

कर्मचारी भविष्य निधि 

3.67 

कर्मचारी पेंशन स्कीम (ईपीएस) 

8.33 

कर्मचारी डिपाजिट लिंक बीमा स्कीम (ईडीएलआईएस) 

0.50 

ईपीएफ एडमिन चार्ज 

1.10 

ईडीएलआईएस एडमिन चार्ज  

0.01 

ईपीएफ अंशदान करना कर्मचारी और एम्प्यालर के लिए अनिवार्य है। ईपीएफ में प्रत्येक द्वारा कर्मचारी के मंहगाई भत्ते और मूल वेतन के 12% का अंशदान किया जाता है। ईपीएफ में कर्मचारी और एम्प्लायर के अंशदान को दिया गया है।  

  1. ईपीएफ में कर्मचारी का अंशदान- कर्मचारी के वेतन के 12% को एम्प्लायर द्वारा ईपीएफ में अंशदान करने के लिए मासिक आधार पर काटा जाता है। पूरा अंशदान ईपीएफ अकाउंट में जमा करवा दिया जाता है।  
  2. ईपीएफ में एम्प्लायर का अंशदान- एम्प्लायर भी कर्मचारी के वेतन के 12% का अंशदान ईपीएफ में करता है।  

ईपीएफ ब्याज दर 

वर्तमान में पीएफ ब्याज दर 8.15% है। वित्त वर्ष की समाप्ति पर ईपीएफ अकाउंट में जमा राशि पर ब्याज राशि की गणना आसान होता है। इस राशि को अकाउंट में कुल बैलेंस का पता लगाने के लिए वर्ष के अंत में कर्मचारी और एम्प्लायर के अंशदान में जमा कर दिया जाता है।  

ईपीएफ एलिजिबिलिटी 

ईपीएफ स्कीम में शामिल होने के लिए एलिजिबिलिटी मानदंडों का उल्लेख नीचे किया गया है:  

  1. 15,000 रुपये महीने से कम आय वाले वेतनभोगी कर्मचारियों को ईपीएफ अकाउंट में रजिस्ट्रर करवाना ज़रूरी होता है।  
  2. कानून के अनुसार, यदि किसी संगठन में 20 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं, तो उस संगठन के लिए ईपीएफ स्कीम में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होता है।  
  1. 20 से कम कर्मचारियों वाले संगठन स्वैच्छिक आधार पर ईपीएफ स्कीम में शामिल हो सकते हैं।  
  2. 15,000/- रुपये से अधिक कमाने वाले कर्मचारी भी ईपीएफ अकाउंट में रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं; लेकिन उन्हें सहायक पीएफ कमीशनर से अनुमोदन ज़रूर प्राप्त करना होगा।  
  3. पूरे भारत में (जम्मू और कश्मीर राज्य को छोड़कर) ईपीएफ स्कीम के प्रोविजन का लाभ उठाया जा सकता है।  

ईपीएफ बैलेंस को कैसे चैक करें? 

आप चार विधियों से ईपीएफ बैलेंक को चैक कर सकते हैं:  

  1. ईपीएफओ पोर्टल का इस्तेमाल करना: ईपीएफओ मेम्बर पोर्टल के जरिए ईपीएफ बैलेंस को चैक करने की प्रोसेस आसान है। आपको अपने यूएएन तथा पासवर्ड से ईपीएफ लॉगिन करना होगा। लॉग इन करने के बाद, आप मेम्बर आईडी के नीचे अपना ईपीएफ बैलेंस देख सकेंगे।  
  2. उमंग ऐप का इस्तेमाल करना: आप न्यू-एज गवर्नेंस के लिए यूनीफाइड मोबाइल एप्लिकेशन को डाउनलोड कर सकते हैं और मोबाइल फोन पर ईपीएफ बैलेंस की जांच कर सकते हैं। आप इस ऐप के जरिए क्लेम डाल सकते हैं और उन्हें ट्रैक कर सकते हैं।  
  3. मिस्ड कॉल सर्विस इस्तेमाल करना- अपने रजिस्टर्ड मोबाइल से 011-22901406 पर मिस कॉल करके आप अपने ईपीएफ बैलेंस की जांच कर सकते हैं।  
  4. एसएमएस सर्विस का इस्तेमाल करना: यदि आपका यूएएन एक्टिवेटेड है, तो आप ईपीएफ बैलेंस की जांच करने के लिए 7738299899 पर एसएमएस भेज सकते हैं। 

ईपीएफ फॉर्म के टाइप  

नीचे तालिका में अलग-अलग ईपीएफ फॉर्म की सूची तथा उनके उपयोग की जानकारी दी गई है: 

फॉर्म टाइप 

फॉर्म का उपयोग  

फॉर्म 31 

इसे पीएफ एडवांस फॉर्म भी कहा जाता है। इसका उपयोग ईपीएफ अकाउंट से विदड्रावल, लोन और एडवांस लेने के लिए किया जा सकता है। 

फॉर्म 10 डी 

इस फॉर्म का उपयोग मासिक पेंशन प्राप्त करने के लिए किया जाता है। 

फॉर्म 10 सी 

इस फॉर्म का उपयोग ईपीएफ स्कीम के तहत लाभ का दावा करने के लिए किया जाता है। फॉर्म 10 सी का प्रयोग ईपीएस में एम्प्यालर के द्वारा अंशदान किए गए फंड को विदड्रा करने के लिए किया जाता है। 

फॉर्म 13 

इस फॉर्म का उपयोग आपके पिछले जॉब से आपकी पीएफ रकम को आपके मौजूदा जॉब में ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। इससे समस्त पीएफ रकम को एक ही अकांउट में रखने में मदद मिलती है। 

फॉर्म 19 

इस फॉर्म का उपयोग ईपीएफ अकाउंट के अंतिम सेटलमेंट का क्लेम करने के लिए किया जाता है। 

फॉर्म 20 

यदि अकाउंट धारक की मौत हो जाती है, तो परिवार के सदस्य पीएफ राशि को विदड्रा करने के लिए इस फॉर्म का उपयोग कर सकते हैं।  

फॉर्म 51F 

इस फॉर्म का उपयोग नामिनी द्वारा कर्मचारी डिपाजिट लिंक बीमा के लाभों का दावा करने के लिए किया जा सकता है।  

ईपीएफओ पोर्टल लॉगिन 

ईपीएफओ पोर्टल में लॉगिन का पहला कदम यूएएन को एक्टिवेट करना है। इसे ईपीएफओ पोर्टल पर आसानी से किया जा सकता है।  

यूएएन लॉगिन करने के बाद, निम्नलिखित एक्टीविटिज़ को किया जा सकता है:  

  1. आप यूएएन कार्ड और पासबुक को डाउनलोड कर सकते हैं 
  1. पीएफ लिंकिंग का स्टेटस देख सकते हैं 
  2. मेम्बर आईडी देख सकते हैं 
  3. पीएफ ट्रांसफर क्लेम का स्टेट्स देख सकते हैं  
  4. ईपीएफओ पोर्टल पर व्यक्तिगत ब्यौरा देख सकते हैं 
  5. केवाईसी जानकारी को अपडेट कर सकते हैं 

किसी कर्मचारी द्वारा अपने यूएएन तथा पॉसवर्ड का इस्तेमाल करके ईपीएफ मेम्बर पोर्टल पर लॉगिन किया जा सकता है।  

कर्मचारी स्थाई लॉगिन आईडी तथा पॉसवर्ड का इस्तेमाल करके वेबसाइट पर लॉगिन कर सकते हैं। 

ईपीएफ संयुक्त घोषणा फॉर्म  

ईपीएफ संयुक्त घोषणा फॉर्म पर आप कर्मचारी के तौर और आपके एम्प्लायर द्वारा हस्ताक्षर किए जाते हैं तथा ईपीएफ संयुक्त घोषणा फॉर्म को आपके पीएफ खाते में जन्म तिथि, शामिल होने की तारीख, यूएएन में नाम, आपके पिता का नाम तथा एग्जिट की तारीख में सुधार करने के लिए सुरक्षित किया जाता है।  

ईपीएफ संयुक्त घोषणा का ब्यौरा निम्नलिखित है:  

  1. पिता का नाम या पति का नाम  
  2. कर्मचारी का नाम  
  3. कर्मचारी की जन्म की तारीख  
  4. भविष्य निधि खाता संख्या  
  5. कंपनी छोड़ने की तारीख  
  1. कंपनी में ज्वाइन करने की तारीख  
  2. कर्मचारी का जेंडर 

निम्नलिखित फॉर्मेट में आप ईपीएफ संयुक्त घोषणा को देख और डाउनलोड कर सकते हैं:  

  1. मेम्बर या एम्प्लायर द्वारा संयुक्त घोषणा  
  1. सब्मिशन की तारीख  
  2. क्षेत्रीय पीएम कमीशनर को  
  3. अपना स्थानीय पीएफ कमीशनर पते का उल्लेख करें 
  4. मेम्बर और एम्प्लायर द्वारा संयुक्त घोषणा के समान ही विषय होता है 
  5. अपना तथा कंपनी का नाम लिखें  
  1. अपना एस्टेबलिशमेंट कोड लिखें तथा साथ ही कंपनी का नाम लिखें  
  2. आपका यूएएन नम्बर 
  3. पीएफ नम्बर  

वे दस्तावेज़ जिन्हें आपको पीएफ संयुक्त घोषणा के साथ संलग्न करना होगा  

  1. एग्जिट करने के कारण सहित, दस्तावेजी प्रमाण  
  1. जन्म की तारीख में बदलाव के लिए, आपको अपना स्कूल सर्टिफिकेट, मार्क शीट, जन्म सर्टिफिकेट या पॉसपोर्ट सब्मिट करना होगा 
  2. नाम बदलने के लिए, वो दस्तावेज़ अटैच करें जिनमें आपका नाम है 
  3. ज्वाइन करने या छोड़ने की तारीख के मामले में, आपको अपना ज्वाइनिंग  या लीविंग लेटर अटैच करना होगा 
  4. सभी सत्यापित दस्तावेज़ों को ईपीएफ संयुक्त घोषणा फॉर्म के साथ अटैच किया जाना चाहिए और उस पर हस्ताक्षर किए जाने चाहिए।  

ईपीएफओ कर्मचारी लॉगिन 

कर्मचारी द्वारा अपने ईपीएफओ पोर्टल पर लॉगिन करने की प्रक्रिया आसान है। सबसे पहले, कर्मचारी को https://www.epfindia.gov.in/site_en/index.php पर जाना होगा तथा यूएएन तथा पॉसवर्ड का उपयोग करके लॉगिन करना होगा। पोर्टल पर पीएफ क्लेम करना, केवाईसी ब्यौरा अपडेट करना, पीएफ बैलेंस चैक करना, तथा पीएफ राशि को ट्रांसफर करना संभव है।  

ईपीएफओ कर्मचार लॉगिन  

ईपीएफओ कर्मचारी पोर्टल (https://www.epfindia.gov.in/site_en/For_Employers.php) पर अपने पहले लॉगिन पर कर्मचारी को अपना उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड तैयार करना होगा। जब एम्प्लायर पोर्टल पर लॉग करता है, तो कर्मचारियों के केवाईसी ब्यौरे का अनुमोदन करना संभव होता है।  

ईपीएफ पासबुक  

आप अपने ईपीएफ अकांउट स्टेटमेंट की जांच करने तथा स्टेटमेंट को प्रिंट/डाउनलोड करने के लिए ईपीएफओ पॉसबुक का इस्तेमाल कर सकते हैं। सभी सदस्य जिन्होंने अपने यूएएन को ईपीएफओ पोर्टल पर रजिस्टर करवा लिया है, वे ईपीएफ पॉसबुक का इस्तेमाल कर सकते हैं।  

ईपीएफओ पासबुक में कर्मचारी का नाम, एस्टेबलिशमेंट आईडी, ईपीएफ स्कीम ब्यौरा, ईपीएफ ऑफिस का नाम आदि ब्यौरा देखा जा सकता है।  

ईपीएफओ अकांउट होल्डर जॉब में परिवर्तन के बाद, एग्जिट तारीख को अपडेट कर सकता है 

अब ईपीएफओ ने ऑफियल वेबसाइट पर ऐसा फीचर एनेबल कर दिया है जिससे उपयोगकर्ता अपना जॉब चेंज करने के बाद, ऑनलाइन ही ‘एग्जिट की तारीख’ को अपडेट कर सकते हैं। यह सुविधा कर्मचारियों को इससे पहले उपलब्ध नहीं थी। केवल एम्प्लायर ही ऑनलाइन उनकी एग्जिट तारीख को अपडेट कर सकते थे।  

आपकी एग्जिट की तारीख को ऑनलाइन अपडेट करने के कदम  

  1. ईपीएफओ ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं 
  2. अपना यूनिवर्सल अकाउंट नम्बर (यूएएन) तथा पॉसवर्ड का इस्तेमाल करके अपने अकाउंट में लॉग करें 
  3. “मैनेज (Manage)” सेक्शन में जाएं  
  4. “मार्क एग्जिट (Mark Exit)” पर क्लिक करें 
  5. इससे आपके सामने “सेलेक्ट एम्प्लायमेंट” पर एक ड्रॉपडाउन मेन्यू आ जाएगा जहां से आप अपना पीएफ अकाउंट नम्बर सेलेक्ट कर सकते हैं।  
  1. अपनी एग्जिट तारीख और एग्जिट का कारण बताएं  
  2. “रिक्वेस्ट ओटीपी (Request OTP)” पर क्लिक करें। आधार कार्ड के साथ लिंक मोबाइल नम्बर पर OTP भेज दिया जाएगा।  
  3. OTP लिखें 
  4. चैकबॉक्स को सेलेक्ट करें  
  5. “अपडेट” और “ओके” पर क्लिक करें 
  1. आपको संदेश प्राप्त होगा कि आपकी एग्जिट तारीख को सफलतापूर्वक अपडेट कर दिया गया है। 
  2. अब “व्यू” सेक्शन में जाएं तथा उसके अंदर “ सर्विस हिस्ट्री” को देखें। 
  3. अब आप अपने ईपीएस तथा ईपीएफ दोनो अकाउंट से ज्वाइनिंग और एग्जिट की तारीख देख सकते हैं 

ध्यान दें कि आप अपने कार्य स्थल को छोड़ने के 2 महीने बाद ही एग्जिट को मार्क कर सकते हैं।  

एग्जिट तारीख को अपडेट करने का महत्व  

क्लेम सब्मिशन तथा सेटलमेंट के लिए एग्जिट तारीख को अपडेट करना महत्वपूर्ण होता है। यदि आपकी एग्जिट तारीख को अपडेट नहीं किया जाता है या उसका गलत उल्लेख किया जाता है, तो आपकी एम्प्लायमेंट को निरन्तर नहीं माना जाएगा और आपको इस अवधि में अर्जित ब्याज पर कर देना होगा।  

ऑनलाइन पीएफ विदड्रावल  

घर खरीदने, विवाह के खर्च, या चिकित्सा व्ययों के लिए ईपीएफ अकाउंट से आंशिक रूप से विदड्रावल किया जा सकता है। विदड्रा किए जाने वाली राशि विदड्रावल के कारण पर निर्भर करेगी। यह नोट किया जाना चाहिए कि आंशिक विदड्रावल के लिए लॉक-इन अवधि होती है तथा यह विदड्रावल के उद्देश्य के आधार पर अलग-अलग होती है।  

अनेक परिस्थितियों में पूरी पीएफ राशि को विदड्रा किया जा सकता है। इनमें से कुछ में रिटायरमेंट की आयु प्राप्त करना, स्थाई कुल मानसिक/शारीरिक अक्षमता के कारण त्यागपत्र, दूसरे देश मे स्थाई रूप से रिलोकेट हो जाना, मेम्बर की मौत आदि शामिल हैं।  

नीचे इस बात के लिए कुछ कारण दिए गए हैं कि ईपीएफ को सेवा के 5 वर्ष से पहले विदड्रा नहीं किया जाना चाहिए:  

  1. सेक्शन 80 सी के लाभ प्राप्त नहीं किए जा सकते हैं: यदि कोई व्यक्ति इंकम टैक्स अधिनियम के सेक्शन 80सी के तहत लाभों के लिए दावा करता है और वह पूरी तरह से अपने पीएफ अकाउंट में से राशि को निकाल लेता है, तो कर्मचारी के अंशदान पर अर्जित ब्याज पर कर लगाया जाएगा।  
  2. राशि पर कर लगाया जाएगा: यदि सेवा के 5 वर्ष के अंदर कोई पीएफ विदड्रा किया जाता है, तो विदड्रा की गई राशि को कर योग्य आय में शामिल किया जाएगा। यदि विदड्रा की जाने वाली राशि 50,000 से अधिक है तथा विदड्रावल 5 वर्ष के भीतर किया जाता है, तो राशि पर 10% कर कटौती की जाएगी। लेकिन यदि आयकर विभाग को फॉर्म 15 जी तथा 15 एच सब्मिट किया जाता है, तो व्यक्ति को इस राशि का भुगतान न करने की छूट प्रदान की जाती है।  

एम्प्लायर के हस्ताक्षर के बिना ईपीएफ विदड्रावल  

इस बात की जानकारी मिलने पर की पीएफ विदड्रावल को सुगम बनाने के लिए एम्प्लायर का अनुमोदन या अटेस्टेशन प्राप्त करने में अनेक कर्मचारियों द्वारा सामना की गई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, ईपीएफओ ने प्रक्रिया को हटा दिया है और अब अपने एम्प्लायर के अटेस्टेशन के बिना ही विदड्रा कर सकते हैं। ईपीएफ में यूएएन को लागू कर दिए जाने के कारण यह परिवर्तन संभव हो पाया है, अब कर्मचारियों को विदड्रावल के लिए यूएएन के साथ अपना आधार नम्बर जोड़ना होता है। ऐसा कहने के बाद, एम्प्लायर के हस्ताक्षर के बिना विदड्रावल करने के दो तरीके हैं- आधार कार्ड के साथ अथवा उसके बिना।  

आधार कार्ड के साथ: 

  1. अब कर्मचारी द्वारा अपने आधार कार्ड को अपने यूएएन नम्बर के साथ लिंक करने पर, कर्मचारी के एम्प्लायर के हस्ताक्षर प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं रहती है।  
  2. प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए, कर्मचारियों को यह तय कर लेना चाहिए कि उनके आधार कार्ड और बैंक ब्यौरे को ईपीएफओ मेम्बर पोर्टल में शामिल किया गया है।  
  3. एम्प्लायर द्वारा उन दोनों का सत्यापन किया गया होना चाहिए- आधार कार्ड और बैंक ब्यौरा। 
  4. कर्मचारी को यह तय करना होगा कि विदड्रावल की प्रक्रिया को शुरु करने से पहले, उनका यूएएन नम्बर एक्टिवेट कर दिया गया है।  
  1. जब आप इन शर्तों को पूरा कर लेते हैं, तो फॉर्म-19 (पीएफ विदड्रावल के लिए) तथा फॉर्म 10 सी-यूएएन (अपनी पेंशन स्कीम से विदड्रावल करने के लिए) को डाउनलोड करें।  
  2. अब, अपना नाम, पता, रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर, पैन कार्ड नम्बर, तथा कर्मचारी के जॉब छोड़ने का कारण और ज्वाइनिंग का तारीख लिखें। कर्मचारी को यह तय कर लेना चाहिए कि यह ब्यौरा आधार कार्ड और बैंक ब्यौरे से मेल करता है। किसी भी प्रकार की विसंगत (डिस्क्रिपेंसी) के कारण आवेदन को रिजेक्ट किया जा सकता है अथवा उसमें देरी हो सकती है।  
  3. इसके बाद, कर्मचारी को फॉर्म के साथ एक कैंसल चैक लगाना होगा और इसे क्षेत्रीय ईपीएफ कार्यालय मे सब्मिट कर दें।  

बिना आधार कार्ड के विदड्रावल करना: 

  1. यह प्रक्रिया थोड़ी असुविधाजनक हो सकती है, लेकिन यह अंतिम तरीका है, तो निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें।  
  2. कर्मचारी को ईपीएफओ पोर्टल से फार्म 19, फॉर्म 31 या फॉर्म 10 सी को डाउनलोड करना होगा, जो इस बात पर निर्भर करेगा कि विदड्रावल कहां से करना है।  
  3. फॉर्म भरने के बाद, फॉर्म को प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता जैसे गेजेटेड ऑफिसर, बैंक मैनेजर, मेजिस्ट्रेट आदि द्वारा सत्यापित करना होगा। ऐसा करते समय, प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता को फॉर्म के हर पेज पर हस्ताक्षर करने होंगे।  
  4. क्योंकि आपको एम्प्लायर के हस्ताक्षर प्राप्त न करने का कारण बताना होगा, इसलिए, “अ-सहयोग” कारण का उल्लेख करें।  
  1. इसके बाद, कर्मचारी को 100 रूपये स्टाम्प पेपर एक इंडेमनिटी बॉड साथ लगाना होगा, अपनी पेस्लिप, कर्मचारी आईडी, नियुक्ति पत्र तथा फॉर्म 19 को साथ लगाना होगा।  
  2. पते और पहचान के प्रमाण के तौर पर, सत्यापित फॉर्म और रद्द किए गए चैक और साथ ही सत्यापन के लिए दूसरे पेपर और अपने नियमित केवाईसी दस्तावेज़ क्षेत्रीय ईपीएफ कार्यालय में सब्मिट करें।  

ईपीएफ क्लेम स्टेट्स  

जब किसी सदस्य द्वारा अपने ईपीएफ फंड्स को विदड्रा करने का निर्णय किया जाता है, तो वे ईपीएफओ पोर्टल पर लॉग इन कर सकते हैं और उसके लिए ऑनलाइन अनुरोध कर सकते हैं। सदस्य ईपीएफओ पोर्टल के ज़रिए ईपीएफओ क्लेम के स्टेट्स की जांच ऑनलाइन कर सकते हैं।  

इसके अलावा, कर्मचारी अपने क्लेम स्टेट्स की जांच करने के लिए अपने रजिस्टर्ड मोबाइल से 011-22901406 पर मिस कॉल कर सकते हैं। ईपीएफओ क्लेम स्टेट्स की जांच करने के लिए उमंग ऐप की एसएमएस सुविधा का भी उपयोग किया जा सकता है।  

पीएफ स्टेट्स की जांच करने के लिए, मेम्बर द्वारा निम्नलिखित जानकारी प्रदान की जानी चाहिए:  

  1. एम्प्लायमेंट ब्यौरा  
  2. एक्स्टेंशन कोड, यदि ज़रूरी है 
  3. एम्प्लायर का ईपीएफ क्षेत्रीय कार्यालय 
  1. यूनिवर्सल अकाउंट नम्बर (यूएएन) 

ईपीएफओ डिजिटल हस्ताक्षर  

ट्रांसफर क्लेम की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए, ईपीएफओ ने एम्प्लायर्स के डिजिटल सिग्नेचर को लागू किया है। अब एम्प्लायर अपने डिजिटल सिग्नेचर का प्रयोग करके क्लेम को एप्रूव कर सकते हैं। जब कर्मचारी द्वारा संगठन को शिफ्ट किया जाता है, तो उसके ट्रांसफर क्लेम को या तो उसके पूर्व एम्प्लायर द्वारा अथवा मौजूदा एम्प्लायर द्वारा अटेस्ट किया जाना चाहिए, तथा यहां पर डिजिटल सिग्नेचर का महत्व साबित होता है। फिर, कर्मचारियों को फॉर्म 13 भरना होता है, और उस पर एम्प्लायर के हस्ताक्षर प्राप्त करके इसे क्षेत्रीय ईपीएफ कार्यालय में प्रस्तुत करना होता है। अब प्रक्रिया को सरल कर दिया गया है, तथा इसे ईपीएफओ मेम्बर पोर्टल पर किया जा सकता है। डिजिटिल सिग्नेचर के लिए, एम्प्लायर को डिजिटल सिग्नेचर के लिए आवेदन करना होगा- जिसमे उनका व्यक्तिगत ब्यौरा जासे नाम, ईमेल आईडी, एपीएनआईसी अकाउंट नम्बर, पब्लिक की तथा एम्प्लायर के देश का  ब्यौरा शामिल होता है। डिजिटिल सिग्नेचर को सर्टिफाईंग ऑथोरिटी द्वारा जारी किया जाता है तथा अपेक्षित ब्यौरे के साथ यह पहचान कुंजी शामिल होती है जिसे ईपीएफओ मेम्बर पोर्टल में शामिल किया जाएगा।  

ईपीएफओ शिकायत  

वे कर्मचारी जो शिकायत दर्ज करना चाहते हैं, तो ईपीएफओ के सदस्य पोर्टल पर कर्मचारियों द्वारा अपनी शिकायत के रजिस्ट्रेशन और शिकायत दर्ज करवाने के लिए खास व्यवस्था की गई है। आमतौर पर कर्मचारियों को विदड्रावल, पीएफ सेटलमेंट, अकाउंट ट्रांसफर, पेंशन की सेटलमेंट आदि के बारे में परेशानियों का सामना किया जाता है। ऐसे कर्मचारी जो ईपीएफओ मेम्बर पोर्टल पर नए हैं, वे ईपीएफ शिकायत दर्ज करने के लिए निम्नलिखित कदमों का अनुपालन कर सकते हैं:  

  1. ईपीएफओ शिकायत पोर्टल यानि https://epfigms.gov.in/ पर जाएं 
  2. टॉप बॉर में “शिकायत दर्ज करें” पर क्लिक करें  
  3. ऐसा करने के बाद, शिकायत पंजीकरण फॉर्म दिखाई देगा 
  4. अब रजिस्ट्रेशन फॉर्म को भरें: 
  1. अपनी स्थिति दर्ज करें (एम्प्लायर, कर्मचारी, ईपीएस पेंशनर) 
  2. अपना पीएफ अकाउंट नम्बर लिखें  
  3. इसके बाद, वह जगह बताएं जहां पर आपका क्षेत्रीय ईपीएफ कार्यालय स्थित है 
  4. फिर, अपने एक्टेबलिशमेंट का नाम और उसका पता लिखें 
  5. तब, अपना नाम, पता, पिनकोड, देश, फोन नम्बर तथा ईमेल आईडी लिखें। 
  1. अंतिम भाग शिकायत श्रेणी है- इसका संबध ट्रांसफर या विदड्रावल से संबंधित मुद्दा है, पेंशन सेटलमेंट मुद्दा आदि है। ड्राप डाउन बॉर से अपनी शिकायत को चुनें। 
  2. अपना शिकायत पत्र अपलोड करें, कैप्चा लिखें तथा अपनी शिकायत रजिस्ट्रेशन को सब्मिट करें। 

पीएफ टोल फ्री नम्बर  

यूएएन तथा अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) से संबंधित प्रश्नों के लिए आप ईपीएफओ टोल फ्री नम्बर 1800 118 005 पर कॉल कर सकते हैं।  

अनक्लेम्ड ईपीएफ अकाउंट से फंड्स विदड्रा करने की प्रक्रिया बहुत सरल है। अनक्लेम्ड पीएफ अकाउंट से फंड्स को विदड्रा करने की प्रक्रिया का उल्लेख नीचे किया गया है:  

  1. पहला कदम ईपीएफओ वेबसाइट पर जाना और फिर ज़रूरी ईपीएफ क्लेम फॉर्म को भरना होगा।  
  2. फॉर्म को पोस्ट आफिस में सब्मिट करना होगा।  
  3. व्यक्ति को 3-20 दिनों के भीतर पीएफ राशि प्राप्त हो जाएगी। 

ईपीएफओ केवाईसी 

कर्मचारी ईपीएफओ वेबसाइट के e-Sewa पोर्टल पर केवाईसी ब्यौरे को अपडेट कर सकते हैं।  

  1. यूएएन ईपीएफओ पोर्टल पर लॉग इन करने के बाद, उन्हें मैनेजर केवाईसी विकल्प को चुनना होगा, तथा उस दस्तावेज़ के टाइप को चुनना होगा जिसे वे पोर्टल पर अपडेट कर रहे हैं अर्थात पैन, आधार, राशन कार्ड आदि।  
  2. दस्तावेज नम्बर तथा मेम्बर का नाम (दस्तावेज के अनुसार) को अपडेट किया जाना चाहिए।  
  3. कुछ दस्तावेज़ों की एक्सपायरी तारीख को भी अपडेट करना पड़ सकता है। 
  1. ये काम पूरा होने के बाद, परिवर्तनों को सेव किया जा सकता है और उन्हे सब्मिट किया जा सकता है।  
  2. एम्प्लायर द्वारा सब्मिट किए गए ब्यौरे को एसेस किया जाएगा तथा एप्रूवल प्रदान किया जाएगा।  
  3. कर्मचारी को फिर एसएमएस प्राप्त होता है, जिसमें एम्प्यालर के एप्रूवल की पुष्टि की जाती है।   

FAQs on ईपीएफ

  • क्या कर्मचारी ईपीएफ मे भागीदारी न करने का विकल्प चुन सकता है?

    नहीं, कोई भी पात्र कर्मचारी ईपीएफ में भागीदारी न करने का विकल्प नहीं चुन सकता है।  

  • क्या कोई कर्मचारी सीधे ईपीएफ में शामिल हो सकता है?

    नहीं, कोई कर्मचारी सीधा ईपीएफ में शामिल नहीं हो सकता है। उसे किसी ऐसे संगठन में काम करने वाला होना चाहिए जिसे ईपीएफ तथा एमएफ एक्ट, 1952 में कवर किया गया है।  

  • यदि कर्मचारी को दैनिक या आंशिक आधार पर भुगतान किया जाता है, तो ईपीएफ की गणना कैसे की जाती है?

    अंशदान की गणना उस वेतन के आधार पर की जाती है जिसका भुगतान कैलेण्डर महीने में किया जाता है। 

  • क्या कोई एम्प्लायर ईपीएफ अंशदान के एम्प्लायर के शेयर को कम कर सकता है?

    नहीं, एम्प्लायर ईपीएफ अंशदान के अपने शेयर को कम नहीं कर सकता है। इस प्रकार की कटौती को अपराध माना जाता है।  

  • क्या कोई एप्रेंटिस ईपीएफ का सदस्य बन सकता है?

    नहीं, एप्रेंटिस ईपीएफ का सदस्य नहीं बन सकता है, लेकिन जैसे ही वह एप्रेंटिस नहीं रहता, उसे तत्काल ईपीएफ के लिए नामांकन करवाना चाहिए।  

  • क्या कर्मचारी के लिए यह संभव है कि वह ईपीएफ में जॉब छोड़ने के बाद अंशदान कर सके?

    नहीं, किसी कर्मचारी के लिए ऐसी स्थिति मे ईपीएफ मे योगदान नहीं किया जा सकता है जब वह सेवा को छोड़ चुका है। कर्मचारी और एम्प्लायर का अंशदान समान होना चाहिए।  

  • यदि किसी कर्मचारी को पीएफ सदस्यता नहीं दी जाती है, तो उसे किस से संपर्क करना चाहिए?

    कर्मचारी को सबसे पहले एम्प्लायर से संपर्क करना चाहिए। यदि एम्प्लायर उसे पीएफ सदस्यता प्रदान नहीं करता है, तो उसे पीएफ कार्यालय के क्षेत्रीय भविष्य निधि कमीशनर से संपर्क करना चाहिए।  

  • क्या किसी कर्मचारी के लिए ईपीएफ सदस्य बनने के लिए आयु प्रतिबंध है?

    नहीं, भविष्य निधि का सदस्य बनने के लिए किसी कर्मचारी के लिए कोई आयु प्रतिबंध नहीं होता है। लेकिन, यदि कर्मचारी पहले ही 58 वर्ष से अधिक की आयु का हो चुका है, तो वह पेंशन फंड का सदस्य नहीं बन सकता है। 

  • पीएफ राशि को डिफाल्टिंग सदस्यों के कैसे रिकवर किया जाता है?

    ईपीएफ तथा एमपी एक्ट, 1952 के अंतर्गत मुकदमा, देनदारों से देय राशि की वसूली, बैंक खातों को अटैच किया जाना, प्रोपर्टी की अटैचमेंट और बिक्री, तथा एम्प्लायर को डिटेन करना और गिरफ्तार करना कुछ ऐसे तरीके हैं जिनसे एम्प्लायर से पीएफ राशि की रिकवरी की जाती है।  

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